हिन्दी में बाल साहित्य के बाद सीधे बड़ों का साहित्य आ जाता है, "किशोर साहित्य" की हिन्दी में कमी है— इसमें कोई दो राय नहीं हो सकती; इसके मुकाबले बँगला में किशोर साहित्य का जखीरा मौजूद है।
यहाँ एक विनम्र कोशिश की जा रही है बँगला से कुछ किशोर साहित्य को हिन्दी में लाने की।
जगप्रभा की ज्यादातर ई'पुस्तकें अमेजन पर Kindle eBooks के रूप में उपलब्ध हैं, जबकि कुछ ई'पुस्तकें 'पोथी' पर PDF के रूप में उपलब्ध हैं।
सत्यजीत राय की रचनाओं के हिन्दी अनुवाद का स्वत्वाधिकार जिस प्रकाशन संस्थान के पास है, उनसे अनुवाद की अनुमति माँगी गयी है, जो अभी मिली नहीं है, अतः इन अनुवादों को बिक्री के लिए उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। जो पाठक इन्हें पढ़ना चाहें, वे जगप्रभा से (jagprabha.bhw@gmail.com) सम्पर्क कर सकते हैं।
कुछ ई'पुस्तकों को मुद्रित पुस्तक के रूप में 'साहित्य विमर्श' द्वारा प्रकाशित किया जा रहा है, वहीं कुछ ई'पुस्तकों के मुद्रित संस्करण को अनुवादक द्वारा 'पोथी' पर (Print On Demand) के तहत उपलब्ध कराया गया है।
-जयदीप शेखर
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